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World Health Day: Healthy Beginnings, Hopeful Futures.

Start Date: 07-04-2025
End Date: 07-06-2025

Every year close to 300,000 women lose their life due to pregnancy or childbirth each year, while over 2 million babies die in their first month of life and around 2 million more ...

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Every year close to 300,000 women lose their life due to pregnancy or childbirth each year, while over 2 million babies die in their first month of life and around 2 million more are stillborn. As per the data from 2020, the infant mortality rate in Manipur is 6 deaths for every 1000 lives. And the maternal mortality rate as per the data from 2010-2011, is 64 – 80. This data is only through the accounted ones, as many went unaccounted, and unchecked.

The concern here arises is how safe are expecting mothers and their babies are. Join us in discussing this further, share your ideas and suggestions to improve the healthcare system in our State to improve the environment for an expecting mother, new mother and their new-born babies.

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137 Record(s) Found
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BrahmDevYadav 3 days 11 hours ago

कैल्शियम और विटमिन डी:-
बढ़ते हुए नवजात की हडि्डयों के विकास के लिए कैल्शियम प्रमुख पोषक पदार्थ है। कैल्शियम के आदर्श स्रोतों में दूध व इससे बनने वाले पदार्थ जैसे दही, चीज़, पनीर और हरी पत्तेदार सब्जियां, रागी इत्यादि हैं। विटामिन डी के लिए अंडे की जर्दी के साथ टूना, सैलमन और मैकरेल मछलियों का सेवन करें। सूर्य का प्रकाश भी आपकी विटामिन डी की जरूरतो को पूरा करने में सहायक होगा।

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BrahmDevYadav 3 days 11 hours ago

आयरन:-
आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया रोग का मां के दूध की आपूर्ति पर नकारात्मक असर पड़ता है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए आयरन रिच खुराक लेना जरूरी होता है। हमारी खुराक में आयरन के कुछ सामान्य स्रोतों में दालें और फलियां, हरी पत्तेदार सब्जियां,तरबूज,अंडा और रेड मीट इत्यादि शामिल हैं।

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BrahmDevYadav 3 days 11 hours ago

डीएचए:-
बच्चे के विजुअल और मानसिक स्वास्थ्य के लिए डीएचए की जरूरत होती है। मां के दूध में मौजूद डीएचए बच्चे की ध्यान देने की क्षमता और साइकोमोटर विकास करते हैं। मां के दूध में मौजूद डीएचए सीधे तौर पर मां की खुराक से जुड़ा होता है। मां के दूध में डीएचए का वैश्विक औसत कुल फैटी एसिड्स का 0.32 फीसदी है, जबकि कुछ अध्ययनों के अनुसार भारतीय मांओं के दूध में डीएचए लेवल काफी कम होता है। मांसाहारियों को अपनी खुराक में मछली को शामिल करना चाहिए। बच्चों को दूध पिलाने के वक्त यह डीएचए का आदर्श स्रोत है।

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BrahmDevYadav 3 days 11 hours ago

डिलिवरी के बाद एक मां को पहले 6 महीने तक 80 ग्राम और 6-12 महीने तक तकरीबन 70 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है। खुराक में प्रोटीन होना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ये बच्चे की कोशिकाओं व मांसपेशियों के विकास और उसके वजन को बढ़ाने के लिए मां के दूध की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करते हैं। प्रोटीन हमारे शरीरों में हॉर्मोंस, एंजाइम्स और ऐंटिबॉडीज के विकसित होने में भी सहायक होते हैं।

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BrahmDevYadav 3 days 11 hours ago

क्योंकि इसका सीधा असर दूध की मात्रा और गुणवत्ता पर पड़ता है।
दूध पिलाने वाली माताओं को सामान्य महिलाओं की तुलना में 600 अतिरिक्त कैलरी अपनी खुराक में शामिल करनी चाहिए। अतिरिक्त कैलरी की यह जरूरत संतुलित आहार से पूरी होनी चाहिए जिसमें विटमिन, मिनरल, प्रोटीन, कॉर्बोहाइड्रेट, फैट्स और पानी शामिल हों। बच्चे को मां के दूध की पर्याप्त मात्रा मिलती रहे,इसके लिए जरूरी है कि ये पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में ग्रहण किए जाएं।

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BrahmDevYadav 3 days 11 hours ago

नवजात शिशु को पोषण देने के लिए पहला कदम ब्रेस्ट फीडिंग यानी स्तनपान होता है। मां के दूध में वे सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो बच्चे की ग्रोथ और उसके विकास के लिए जरूरी होते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक 6 माह की आयु तक बच्चों को पूरी तरह से स्तनपान कराना चाहिए और उसके बाद 2 साल और उसके बाद बाहर के दूध के साथ स्तनपान को जारी रखना चाहिए। चूंकि 6 महीने तक बच्चे की खुराक पूरी तरह से ब्रेस्ट फीडिंग पर निर्भर होती है, इसलिए मांओं को अपने आहार को लेकर सतर्क रहना चाहिए।

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BrahmDevYadav 3 days 12 hours ago

दूध:-
बच्चे हों या बड़े,हर किसी को दूध के सेवन की सलाह दी जाती है। एक गिलास दूध में भरपूर पोषक तत्व होते हैं। गर्भवती महिला और उसके बच्चे के लिए भी दूध बहुत फायदेमंद होता है। इससे शरीर को ताकत मिलती है। सेहत बनती है और बच्चे के दिमाग का भी विकास होता है।

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BrahmDevYadav 3 days 12 hours ago

दही:-
गर्भवती महिलाओं के लिए दही का सेवन भी सेहतमंद और बच्चे के लिए फायदेमंद है। दही में विटामिन सी समेत बहुत सारा प्रोटीन होता है। रोजाना दही का सेवन करने से प्रसव के बाद स्वस्थ और विकसित बच्चे का जन्म होता है।

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BrahmDevYadav 3 days 12 hours ago

ताजे फल:-
फल सेहत के लिए लाभदायक होते हैं। ताजे फलों से विटामिन मिलता है। ऐसे में गर्भावस्था में महिला को संतरा, केला, आम, अंगूर, सेब आदि फलों का सेवन करना चाहिए। चाहे तो फलों का जूस बनाकर भी पी सकते हैं।

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BrahmDevYadav 3 days 12 hours ago

बादाम:-
बादाम में काफी सारे पोषक तत्व होते है। बादाम खाने से दिमाग तेज होता है। यह बात गर्भवती महिला और उनके बच्चे पर भी लागू होती है। बादाम में काफी न्यूट्रिएंट्स मिलते हैं। गर्भावस्था में महिला को बादाम का सेवन करना चाहिए। इससे बच्चे का दिमागी विकास बेहतर होता है।