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Share your fondest childhood memory!

Start Date: 14-11-2021
End Date: 14-11-2022

Childhood. ...

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Childhood.

The time when we experience life in its most beautiful and raw form, enjoying each little joy without any care and worry on our mind. The memory of these experiences shape our lives, they carve your soul, and they mould your being. A great childhood memory has an impact greater than any other memory. We have all at some point experienced certain events during our childhood that became one of our favourite moments in life.

Drive back into the memory lane and share with us your fondest childhood memory with us!

All Comments
childhood, childrensday
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538 Record(s) Found
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BrahmDevYadav 2 years 3 months ago

पतंग:– उन रंग बिरंगी डोरियों में उड़ती रंग बिरंगी पतंगों से आसमान भी खूबसूरत सा लगने लग जाता था वो अपनी पतंग को दूर आसमान में सबसे ऊपर पहुंचाने की चाह और इसके कटने पर दूर तक दौड़ लगाना भी अजीब था| अब आज जब थोड़ी दूर चलने पर सांस फूलने लगती है तब बचपन की वो पतंग के पीछे की लंबी दौड़ पुनः याद आने लगती है, जो चंद रुपयों की पतंग के लिए बिना थके लगाई जाती थी|

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BrahmDevYadav 2 years 3 months ago

पुनः जमाने में कामयाब होती थी तो उसे एक पॉइंट मिल जाता था वरना यह पॉइंट सामने वाली टीम को मिलता था और बचपन में इन्हीं पत्थरों को गिराने जमाने में शाम कब बीत जाती थी कुछ पता ही नहीं चलता था|
गिल्ली डंडा:– बचपन का ये खेल भी बहुत ही अनूठा था इसे खेलने में समय कब निकल जाता और मम्मी कब आवाज लगाने लगती कुछ याद ही नहीं रहता था|

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BrahmDevYadav 2 years 3 months ago

पिट्ठू – निमोर्चा जिसे कुछ लोग सितोलिया या पित्तुक के नाम से भी जानते है, बचपन में मेरा पसंदीदा खेल था. इस खेल को दो टीमों में विभाजित होकर खेला जाता था | इसमें कुछ पत्थर के टुकड़ों को एक के ऊपर एक रखा जाता था और जहां एक टीम का खिलाड़ी इन पत्थर के टुकड़ों को गेंद की मदद से कुछ दूरी पर खड़े होकर गिराता था और फिर उसकी टीम उन पत्थर के टुकड़ों को पुनः सामने वाली टीम की गेंद से आउट होने से बचते हुए जमाती थी| अगर टीम यह पत्थर

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BrahmDevYadav 2 years 3 months ago

नदी पहाड़:– नदी पहाड़ यह खेल भी अजीब था, जिसमें थोड़ी ऊंचाई वाले हिस्से पहाड़ और निचले हिस्से नदी के होते थे| जो बच्चा दाम देता था वह नदी में होता था और अन्य सभी पहाड़ पर, और जो नदी में होता था उसे पहाड़ पर मौजूद बच्चों को नदी में आने पर छूकर आउट करना होता था| बचपन में कॉलोनी की सड़कों पर यह नदी पहाड़ की उधेड्बुन भी अजीब सी खुशी दे जाती थी|

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BrahmDevYadav 2 years 3 months ago

छुपन-छुपाई:- यह बचपन में खेला जाने वाला सबसे आसान और मजेदार खेल था, इसमे एक साथी दाम देता था और अन्य सब छुप जाते थे, फिर कुछ देर रुककर वह अपने अन्य साथियों को ढूंढता और जो सबसे पहले आउट होता वही अगला दाम देता था| बचपन के इस खेल में कब स्कूल से लौटने के बाद खेलते हुए अंधेरा हो जाता था कुछ पता ही नहीं चलता था. बचपन का यह खेल वाकई में मनोरंजक था|

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BrahmDevYadav 2 years 3 months ago

मनुष्य जीवन का सबसे सुनहरा पल बचपन है, जिसे पुनः जी लेने की लालसा हर किसी के मन में हमेशा बनी रहती है| परंतु जीवन का कोई बीता पहर लौटकर पुनः वापस कभी नहीं आता, रह जाती है तो बस यादें जिसे याद करके सुकून महसूस किया जा सकता है|

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BrahmDevYadav 2 years 3 months ago

एक बचपन का जमाना था
जिस में खुशियों का खजाना था
चाहत चाँद को पाने की थी
पर दिल तितली का दीवाना था
खबर ना थी कुछ सुबह की
ना शाम का ठिकाना था
थक कर आना स्कूल से
पर खेलने भी जाना था
माँ की कहानी थी
परियो का फसाना था
बारिश में कागज की नाव थी
हर मौसम सुहाना था

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BrahmDevYadav 2 years 3 months ago

भाषा सीखने का क्रम क्या है?
भाषा सीखने का मनोवैज्ञानिक क्रम सुनना, बोलना, पढ़ना,लिखना है|

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BrahmDevYadav 2 years 3 months ago

भाषा सिखाने में बच्चों को क्या क्या सिखाना आवश्यक है?
विराम चिह्नों का प्रयोग करते हुए लिखने की क्षमता विकसित करना। वाक्य पढ़ने की क्षमता विकसित करना । व्याकरण का सटीक उपयोग | इनके साथ-साथ नैतिक मूल्यों का विकास करना भी भाषा शिक्षण का एक मुख्य उद्देश्य माना जाता है। पाठ्यपुस्तक निर्माण और भाषा सीखने-सिखाने के तौर-तरीके भी इन्हीं उद्देश्यों पर आधारित होते हैं।

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BrahmDevYadav 2 years 3 months ago

स्कूल जाने से पहले बच्चे क्या सीख चुके होते हैं?
कई भाषाओं का उचित प्रयोग करना सीख लेते हैं। घर, आस पड़ोस और समाज की भाषा ग्रहण कर लेते हैं। भाषा के नियमों को आत्मसात् कर पूर्ण भाषिक क्षमता रखते हैं।